कोरोना पर मैं फलादेश क्यों नहीं करता?
प्रश्न- What is your prediction when it will stop and what casualties in india happen?
आप कोरोनावायरस को ज्योतिषी दृष्टिकोण से कहां देखते हैं?
इस तरह के अनेकों सवाल मेरे पास कई लोगों द्वारा भेजे जा रहे हैं। कुछ लोग फोन करके भी पूछ रहे हैं।
उत्तर- मैं ये सब प्रेडिक्शन नहीं करता!!!
इसका कोई औचित्य नहीं है।
औचित्य तब होता जब मेरी मेहनत का समाज या सरकार या किसी संस्था द्वारा गंभीरता से विचार पू्र्वक उसपर कोई ठोस कदम उठाए जाते।
भारतवर्ष के कुछ अच्छे विद्वानों पंचागों में विश्व और भारत का फल लिखते हैं, बहुत उत्कृष्ट सांहितिक फलादेश करते हैं, पर उसे पढ़ता कौन है?
मैं किसी के मनोरंजन के लिए सांहितिक फलादेश नहीं करुँगा।
मैं ऐसा कोई काम नहीं करता जिसमें मेरे मेहनत का कोई प्रयोजन न निकले।
सांहितिक फलादेश करना, दाल चावल खाने जितना आसान या जन्मकुंडली देखने जैसा कठिन काम नहीं है, बल्कि कठिनतरतम कार्य है।
जो लोग पेपर और टी.बी चैनलों में फालतु का प्रेडिक्शन करते फिर रहे हैं वे सांहितिक नहीं है, उनकी शैली ही उनके ज्ञान की पोल खोल रही है। मेरी नजर में ये सब बस प्रसिद्ध होने का उनका प्रपंच मात्र है ।
– पं. ब्रजेश पाठक “ज्यौतिषाचार्य”