अस्ति कश्चिद्वाग्विशेषः
अस्तिकश्चिद् वाग्विशेषः? यह प्रश्न व्यंग्यात्मक शैली में विद्योत्तमा ने कालीदास जी से किया था, जब वो विद्वान बनकर उससे मिलने आए थे। कालीदास को सम्मान न मिलने पर वो दरवाजे से ही वापस लौट आए और बाद में कालीदास जी ने इन्ही तीन शब्दों से शुरु करते हुए तीन अलग अलग काव्य ग्रन्थों की रचना […]
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