Gemology and Solutions

These posts are related to solutions of day-to-day problems and also deal with contents related to gems.

स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव

स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव- श्वासप्रवाह को स्वर भी कहा जाता है। वाम नासा छिद्र से चलने वाला श्वास वाम स्वर और दक्षिण नासा छिद्र से चलने वाले श्वास को दक्षिण स्वर कहते हैं। शरीर में कहीं भी किसी भी प्रकार का दर्द शुरू हो जाए या नियमत रहने वाला दर्द बढ़ जाए तो आप यह […]

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स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव

स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव- श्वासप्रवाह को स्वर भी कहा जाता है। वाम नासा छिद्र से चलने वाला श्वास वाम स्वर और दक्षिण नासा छिद्र से चलने वाले श्वास को दक्षिण स्वर कहते हैं। शरीर में कहीं भी किसी भी प्रकार का दर्द शुरू हो जाए या नियमत रहने वाला दर्द बढ़ जाए तो आप यह

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स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव

स्वरविज्ञान पर मेरा अनुभव- श्वासप्रवाह को स्वर भी कहा जाता है। वाम नासा छिद्र से चलने वाला श्वास वाम स्वर और दक्षिण नासा छिद्र से चलने वाले श्वास को दक्षिण स्वर कहते हैं। शरीर में कहीं भी किसी भी प्रकार का दर्द शुरू हो जाए या नियमत रहने वाला दर्द बढ़ जाए तो आप यह

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सपात दोष तथा ग्रहण दोष

सपात दोष तथा ग्रहण दोष चन्द्र+राहु/केतु हो और शराभाव हो तो इसको चन्द्रग्रहण दुर्योग और सूर्य+राहु/केतु हो और शराभाव हो तो इसको सूर्यग्रहण दुर्योग कहा जाता है। लेकिन यदि केवल चन्द्र+राहु/केतु हो इसे सपात चन्द्र दोष कहा जाता है। केवल सूर्य+राहु/केतु हो तो इसे सपात सूर्य दोष कहा जाता है। ग्रहण दोष ज्यादा खतरनाक दुष्प्रभाव

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नक्षत्रों द्वारा खोई वस्तु का पता लगाएँ !

नक्षत्रों की सहायता से खोई हुई वस्तु का पता लगाएँ नष्टवस्तु परिज्ञान की यह अद्भुद विधि मुहूर्त चिंतामणी नामक ग्रन्थ के नक्षत्र प्रकरण में दी गई है ! सात-सात नक्षत्रों के चार समूह में 28 नक्षत्रों को बाँटकर इन्हे अंध, मन्द, मध्य, और सुलोचन संज्ञा देते हैं। फिर इसी के अनुरुप खोई हुई वस्तु के

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गृहक्लेश का निवारण

कुछ दिन पहले किसी जिज्ञासु ने पूछा था आज कल गृहक्लेश बढ़ता जा रहा है। लोग इसका उपाय पूछते हैं। इसका प्रभावशाली शास्त्रीय उपाय क्या है? मित्रों, गृहक्लेश का कारण हमारे छः आतंरिक शत्रुओं का अनियन्त्रित होना है। ये छः आभ्यन्तर शत्रु या विकार हैं- 1.काम 2. क्रोध 3. लोभ 4. मोह 5. मद और

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सपात दोष तथा ग्रहण दोष

चन्द्र+राहु/केतु हो और शराभाव हो तो इसको चन्द्रग्रहण दुर्योग और सूर्य+राहु/केतु हो और शराभाव हो तो इसको सूर्यग्रहण दुर्योग कहा जाता है। लेकिन यदि केवल चन्द्र+राहु/केतु हो इसे सपात चन्द्रदोष कहा जाता है। केवल सूर्य+राहु/केतु हो तो इसे सपात सूर्य दोष कहा जाता है। ग्रहण दोष ज्यादा खतरनाक दुष्प्रभाव रखता है जबकि सपात दोष ग्रहण दोष की अपेक्षा कम हानिकर होता

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गणेश भगवान के चमत्कारिक बारह नाम करते हैं सभी संकटों का नाश

विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश जी को सभी मंगलकार्यों में सर्वप्रथम स्मरण करने का विधान है। इसलिए आज मैं लेकर आया हूँ भगवान गणेश जी के वो बारह नाम जिनको पढ़ने या सुनने मात्र से विद्यारम्भ, विवाह, गृहप्रवेश, यात्रा, संग्राम और संकट में उपस्थित होने वाले विघ्न शान्त हो जाते हैं। आप आपात स्थिति में इन बारह

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