जन्मदिन हिंदी तिथि से मनाएँ या अंग्रेजी तिथि से ?

जन्मदिन कैसे मनाएं ? जन्मदिन कब मनाएं ? प्रश्न-  आप से एक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, किन्हीं के पुण्यतिथि/जन्मदिन मनाने हेतु अंग्रेजी तारीख उत्तम होता है या हमारे हिन्दी पंचाग की तिथि ? उत्तर- हमारे शास्त्रों में 9 प्रकार के कालमानों का वर्णन है, जिनमें सामान्य जनों के दैनिक व्यवहार हेतु सौरमान व चान्द्रमान […]

जन्मदिन हिंदी तिथि से मनाएँ या अंग्रेजी तिथि से ? Read More »

जन्मदिन हिंदी तिथि से मनाएँ या अंग्रेजी तिथि से ?

जन्मदिन कैसे मनाएं ? जन्मदिन कब मनाएं ? प्रश्न-  आप से एक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, किन्हीं के पुण्यतिथि/जन्मदिन मनाने हेतु अंग्रेजी तारीख उत्तम होता है या हमारे हिन्दी पंचाग की तिथि ? उत्तर- हमारे शास्त्रों में 9 प्रकार के कालमानों का वर्णन है, जिनमें सामान्य जनों के दैनिक व्यवहार हेतु सौरमान व चान्द्रमान

जन्मदिन हिंदी तिथि से मनाएँ या अंग्रेजी तिथि से ? Read More »

हकीक से उपचार

मित्रों, अपने दैनिक जीवन में कभी हम किसी अनुभवी व्यक्ति के द्वारा कोई ऐसी घटना का जिक्र सुनते हैं जिस पर हमें सहसा विश्वास नहीं होता। बहुत बार तो हम उस घटना और घटना सुनाने वाले व्यक्ति का मजाक तक उड़ाने लगते हैं। लेकिन आपको यह सलाह देना चाहूँगा कि ऐसा करके हम उनका नहीं

हकीक से उपचार Read More »

गृहक्लेश का निवारण

कुछ दिन पहले किसी जिज्ञासु ने पूछा था आज कल गृहक्लेश बढ़ता जा रहा है। लोग इसका उपाय पूछते हैं। इसका प्रभावशाली शास्त्रीय उपाय क्या है? मित्रों, गृहक्लेश का कारण हमारे छः आतंरिक शत्रुओं का अनियन्त्रित होना है। ये छः आभ्यन्तर शत्रु या विकार हैं- 1.काम 2. क्रोध 3. लोभ 4. मोह 5. मद और

गृहक्लेश का निवारण Read More »

प्रचलित संगीतमय कर्मकांड पर विशद विवेचन

संसार की उत्पत्ति नाद से मानी गयी है। प्रणव ही बीज है तथा प्रणव ही निःशेष है। ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म… ॐकार का नाद ही ब्रह्म का नाद है। यह नाद ही कालांतर में संगीत का आधार बना। स्वयं भगवान ब्रह्मदेव, नटराज एवं देवर्षि नारद आदि ने इसका प्रसारण किया। प्रजापति ब्रह्मा ने छंदों की रचना करके

प्रचलित संगीतमय कर्मकांड पर विशद विवेचन Read More »

संगीतमय कर्मकांड अशास्त्रीय हैं

कुछ समय पहले किसी मित्र ने निम्नलिखित संदेश भेजा था- जय श्री राम जी।आजकल कर्म कांड में बड़ी विकृति कर दी इन लोगो ने जैसे musical फेरे तथा कर्म के बीच में गाना बजाना इसके खंडन पर भी अपना एक लेख प्रेषित करे शास्त्रीय दृष्टि से। एक दूसरे मित्र का संदेश आया था मेरे  साथ

संगीतमय कर्मकांड अशास्त्रीय हैं Read More »

वक्री ग्रह रहस्य

प्रश्न:- नीच का व्रकी उच्च का फल देता है,यदि ग्रह लग्न मे नीच और नवांश मे उच्च हो तो प्रभाव किसका होगा? लग्न का या नवांश का। उत्तर:–आपने एक साथ दो प्रश्न पूछा है! प्रश्न 1.- नीच का वक्री ग्रह उच्च का फल देता है? प्रश्न 2.- ग्रह लग्न में नीच और नवमांश में उच्च

वक्री ग्रह रहस्य Read More »

बुद्धि के भेद

अक्सर देखा जाता है कि व्यवहार में लोग धी, बुद्धि, स्मृति, मेधा, मति, प्रज्ञा आदि शब्दों को समानार्थी समझते हुए प्रयोग करते हैं। पर वस्तुतः ये समानार्थी लगने वाले शब्द विशेष परिभाषाओं को धारण करते हैं। आइए इनको समझें। धी- धी: बुद्धि: वस्तुग्रहणशक्ति:। उपदिष्टग्रहणे शक्ति: धी:। अर्थात्- बुद्धि शब्द धी का वाचक है। धी का

बुद्धि के भेद Read More »

बुद्धि के भेद

अक्सर देखा जाता है कि व्यवहार में लोग धी, बुद्धि, स्मृति, मेधा, मति, प्रज्ञा आदि शब्दों को समानार्थी समझते हुए प्रयोग करते हैं। पर वस्तुतः ये समानार्थी लगने वाले शब्द विशेष परिभाषाओं को धारण करते हैं। आइए इनको समझें। धी- धी: बुद्धि: वस्तुग्रहणशक्ति:। उपदिष्टग्रहणे शक्ति: धी:। अर्थात्- बुद्धि शब्द धी का वाचक है। धी का

बुद्धि के भेद Read More »

‘ज्ञ’ का उच्चारण स्थान

ज्ञ’ वर्ण के उच्चारण पर शास्त्रीय दृष्टि- संस्कृत भाषा मेँ उच्चारण की शुद्धता का अत्यधिक महत्त्व है। शिक्षा व व्याकरण के ग्रंथोँ मेँ प्रत्येक वर्ण के उच्चारण स्थान और ध्वनि परिवर्तन के आगमलोपादि नियमोँ की विस्तार से चर्चा है। फिर भी “ज्ञ” के उच्चारण पर समाज मेँ बडी भ्रांति है। और जब सनातन वैदिक हिँदू

‘ज्ञ’ का उच्चारण स्थान Read More »

Scroll to Top