चित्र वास्तु से सम्बंधित सारे नियम

अपने आवासीय घर पर लगाने वाले चित्रों से हमारा वास्तु प्रभावित होता है, इसलिए घर पर कोई भी चित्र सोच-समझ कर लगाना चाहिए। हमारे पूर्वाचार्यों ने वास्तु शास्त्र के ग्रन्थों में इस विषय पर पर्याप्त मार्गदर्शन किया है। वास्तुशास्त्र के विभिन्न पारम्परिक ग्रन्थों में वर्णित चित्र वास्तु से संबंधित अनमोल मोतियों का संग्रह आपके ज्ञानवर्धन एवं उन्नति हेतु समर्पित है। आइए घर में किस प्रकार का चित्र नहीं लगाना चाहिए और किस प्रकार का चित्र लगाना चाहिए इस विषय को क्रमशः समझते हैं।

निम्नलिखित चित्र घर की दीवार आदि में नहीं लगाने चाहिये और न दरवाजे इत्यादि में अंकित कराने चाहिये –

  • सिंह, सियार, सूअर, साँप, गिद्ध, उल्लू, कबूतर, कौआ, बाज, बगुला, गोह, बन्दर, ऊँट, बिल्ली आदि के चित्र।
  • मांसभक्षी पशु-पक्षियों के चित्र।
  • दिल में भय, डर या वितृष्णा पैदा करने वाले चित्र।
  • किसी युद्ध को दशनि वाले चित्र।
  • रामायण, महाभारत आदि के युद्ध के चित्र।
  • खड्गयुद्ध (तलवार युद्ध) के चित्र।
  • तूफान या विध्वंस दिखाने वाले चित्र।
  • शिकार से सम्बन्धित चित्र।
  • इन्द्रजालिक चित्र।
  • राक्षस तथा भूत-प्रेतों के भयङ्कर चित्र।
  • रोते हुए मनुष्य के चित्र।
  • मोहित अर्जुन को गीता का उपदेश देते हए श्रीकृष्ण को प्रदर्शित करने वाले चित्र।
  • इतिहास और पुराणों में कहे गये वृत्तान्तों के प्रतिरूपक चित्र।
  • आपसी वियोग को दिखाने वाले चित्र।

ये सभी चित्र या पेटिंग अशुभ फलदायक हैं। इनको किसी भी कक्ष में नहीं लगाना चाहिए।

घर की दीवार आदि में लगाने योग्य चित्र

  • महाभारत युद्ध के दौरान हाथ में रथ का पहिया उठाए भीष्म-पितामह की

ओर दौड़ते हुए भगवान् कृष्ण का चित्र। (उपद्रव नाशक)

  • परिवार सहित या झुंड में बालबच्चों के साथ विचरण करते हुए हिरण, हाथी, घोड़ा, शेर आदि के चित्र।
  • चित्र, पेंटिंग या मूर्ति के रूप में हाथी, कछुवा या मछली का जोड़ा आदि।
  • नदी, झरना, फव्वारा आदि के चित्र।
  • हाथियों के जोड़े द्वारा उठाऐ गए घड़े के जल सहित चार भुजाओं
  • वाली लक्ष्मी जी का चित्र।
  • कालिय नाग के फनों पर बांसुरी बजाते भगवान् श्रीकृष्ण का चित्र। (उपद्रव नाशक)
  • शंख, चक्र, गदा एवं कमल हाथ में लिए हुए चार भुजाओं वाले, उड़ते हुए गरुड़ की पीठ पर सवार भगवान् विष्णु का चित्र। (उपद्रव नाशक)
  • घर के दरवाजे पर या घर पर हाथ में द्रोणपर्वत को उठाए, संजीवनी बूटी लाते हुए हनुमान् जी का चित्र। (उपद्रव नाशक)
  • श्रीराम का स्मरण करते हुए भक्त हनुमान् का चित्र। (उपद्रव नाशक)

नोट

  • यही सारे नियम शयनकक्ष या किसी अन्य कक्ष में स्थापित किए जाने वाले चित्रों या पेंटिंग्स के लिए भी हैं, भिन्नतया अलग-अलग कक्षों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हैं।
  • भगवान् श्रीमन्नारायण के या हनुमान जी के उपद्रव नाशक चित्र घर के मुख्य द्वार के बाहरी दीवार पर या घर में घुसते ही सामने दिखने लायक स्थान पर लगाना चाहिए।
  • इतिहास और पुराणों में कहे गये वृत्तान्तों के प्रतिरूपक चित्र गृह में निन्दित हैं। ये मन्दिरों में ही होने चाहिये।
  • इन्द्रजाल के समान झूठे तथा भीषण प्रतिरूपक चित्र भी घर में नहीं बनाने चाहिये।

ये सभी नियम समराङ्गणसूत्रधार आदि प्रामाणिक वास्तुशास्त्रीय ग्रन्थों के आधार पर वर्णित हैं।

 ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य

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