दुकान वास्तु

  • दुकान यदि वर्गाकार या आयताकार हो व्यापार अच्छा होता है।
  • दुकान का प्रवेश द्वार अच्छी तरह से प्रकाशित और सुन्दर  होना चाहिए।
  • सुबह की धूप यदि दुकान में प्रवेश कर पाए तो यह बहुत शुभ होता है।
  • प्रवेश द्वार की दिशा
  • वास्तु के अनुसार दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व, उत्तर या ईशान कोण में होना चाहिए।
  • यदि नैऋत्य या वायव्य की ओर द्वार हो तो कुछ समय तक बढ़ोतरी होने के बाद व्यापार में उतार आना शुरु हो जाता है।
  • पश्चिम या दक्षिण की ओर द्वार हो तो व्यवसाय में धीरे धीरे सफलता आती है।
  • ज्यादातर मामलों में अग्निकोण वाला द्वार दुकान के लिए अच्छा नहीं माना  जाता है।
  • दुकान का काउंटर
    • दुकान में बैठने के लिए, उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ़ मुंह करके बैठना चाहिए।
    • दुकानदार को सामान देते समय मालिक का मुंह उत्तर दिशा की तरफ़ होना चाहिए।
    • दुकान के सेल्स मैन का मुंह हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ़ होना चाहिए।
    • अगर दुकान पश्चिम दिशा में है, तो दुकान के मालिक को कभी भी ईशान कोण में नहीं बैठना चाहिए।
    • अगर दुकानदार कैबिन बनाकर बैठता है, तो कैबिन के लिए नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा का चुनाव करना अच्छा रहता है।
    • दक्षिण मुखी दुकानों में, ग्राहकों को आकर्षित करने और वित्तीय समृद्धि पाने के लिए कैश काउंटर को दुकान के दक्षिण-पूर्वी भाग में रखना चाहिए।
    • दुकान के मालिक के बैठने का स्थान भूमिस्तर से ऊँचा होना चाहिए।
    • मालिक तक हर किसी की पहुँच सुगम न हो।
    • मालिक का मुख किसी दिशा की ओर रहना ही ठीक है विदिशाओं की रहना ठीक नहीं है।
    • दुकान के बीचोबीच मालिक की कुर्सी नहीं होनी चाहिए।
  • दुकान की तिजोरी
    • तिजोरी (गल्ला) का मुख पूर्व या उत्तर की ओर रहे।
    • तिजोरी को दिवार के कोनों से सटा कर न रखें।
    • कदाचित् पश्चिम में भी तिजोरी का मुख रखा जा सकता है।
    • तिजोरी के ऊपर कोई भारी सामान न रखें।
    • तिजोरी व्यावसायिक वित्तीय  चीजों के अलावा और कुछ न रखें।
    • तिजोरी के पाए जरूर हों।
    • तिजोरी के ठीक सामनेे कोई देवप्रतिमा, मूर्ति या चित्र न हो।
    • तिजोरी के अन्दर ईष्टदेव के चित्र या श्रीयंत्र आदि रखे जा सकते हैं।
    • महीने में एक बार शुक्रवार के दिन तिजोरी की साफ सफाई जरूर करें।
    • तिजोरी या काउंटर के ऊपर या नीचे कोई बीम नहीं होना चाहिए।
    • तिजोरी के अन्दर कुछ प्राकृतिक सुगंधित द्रव्य जरूर रखना चाहिए।
    • तिजोरी में दुकान मालिक के राशि अनुसार सौभाग्यकारक द्रव्यों की पोटली अथवा व्यापार वृद्धि यंत्र या दीपावली के दिन बनाई जाने वाली पोटली रख सकते हैं।

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ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य

  Mob.-  +919341014225.

1 thought on “दुकान वास्तु”

  1. हरि ऊँ आचार्य जी सादर प्रणाम🌹🙏🌹
    बहुत सुन्दर ज्ञानवर्द्धक लेख……

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