ग्रन्थ विवरणी – पंडित ब्रजेश पाठक ‘ज्यौतिषाचार्य’

लेखन और सम्पादन के साथ अभी तक मेरे नाम चार पुस्तकें हो चुकी हैं। जिनमें से दो ग्रन्थ तो ज्योतिष् के ही हैं। आइए क्रमशः इन ग्रन्थों के बारे में जानते हैं।

1. फलित राजेन्द्र :

Phalit Rajendra

ग्रन्थकार – ब्रजेश पाठक ‘ज्यौतिषाचार्य’
पुस्तक की भाषा – हिन्दी
पढ़ने के अधिकारी – सभी लोग
पुस्तक की स्थिति – सामान्य पवित्रता के साथ पठनीय

क्या आप ज्योतिष सीखना व समझना चाहते हैं?
क्या आप ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया में प्रवेश पाना चाहते हैं ?
क्या आप अपनी कुंडली का फलादेश जानना चाहते हैं?
क्या आप एक कुशल फलितवेत्ता बनना चाहते हैं ?
कुंडली के आधार पर जीवन के सारांश को समझना चाहते हैं ?
जन्मफल का ज्ञान करना चाहते हैं?
अपना पीड़ित ग्रह व दोषों के बारे में जानना चाहते हैं?
विभिन्न शुभाशुभ योगों के बारे में जानना चाहते हैं?
अस्त ग्रहों द्वारा फलादेश करना चाहते हैं ?
वक्री ग्रहों के फलादेश संबंधी गूढ़ रहस्यों को जानना चाहते हैं?
“ग्रहगति द्वारा फलकथन की अपूर्व विशेषता का प्रथम बार सम्पूर्ण विवेचन” जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पढ़ना चाहते हैं?
दशाफल के सटीक नियम सीखना चाहते हैं?

तो ये ग्रन्थ आपके लिए ही लिखा गया है। यह ग्रन्थ आपकी फलादेश कुशलता में अप्रतिम वृद्धि करता है।
तो देर न करें, अपनी प्रति आज ही आर्ड़र करें ।

पाठकगण निम्न विकल्पों के चयन के द्वारा पुस्तक को प्राप्त कर सकते हैं –

१) प्रिंट पेपरबैक संस्करण** | प्रकाशक – नोशन प्रेस | मूल्य – ₹295, डाक खर्च अलग से |

प्रकाशक से खरीदने का लिंक –
https://notionpress.com/read/phalit-rajendra

अमेज़न से खरीदने की लिंक –
https://www.amazon.in/dp/1649833342

२) डिजिटल संस्करण

प्ले स्टोर से खरीदने का लिंक –
https://play.google.com/store/books/details/Brajesh_Pathak_Phalit_Rajendra?id=_-_0DwAAQBAJ

3) निःशुल्क pdf प्राप्त करने हेतु
https://archive.org/details/phalit-rajendra

4) फ्लिपकार्ट से प्राप्त करने का लिंक
https://dl.flipkart.com/s/ebhyrJNNNN

2. नक्षत्र माहेश्वरी:

Nkshtra Maheswari

व्याख्याकार एवं सम्पादक – ब्रजेश पाठक ‘ज्यौतिषाचार्य’
पुस्तक की भाषा – संस्कृत एवं हिन्दी
पढ़ने के अधिकारी – सभी लोग
पुस्तक की स्थिति – सामान्य पवित्रता के साथ पठनीय

प्रिय पाठकों !
क्या आप एक कुशल नक्षत्रफलितवेत्ता बनना चाहते हैं ? केवल जन्म नक्षत्र के आधार पर जीवन के सारांश को समझना चाहते हैं?
जन्मनक्षत्रफल का ज्ञान करना चाहते हैं?
अपना पीड़ित नक्षत्र जानना चाहते हैं?
मूलसंज्ञक नक्षत्रों को बारीकी से समझना चाहते हैं?
रोगोत्पत्ति नक्षत्र द्वारा रोगावधि का ज्ञान करना चाहते हैं ?
नक्षत्र द्वारा नष्टवस्तु का ज्ञान करना चाहते हैं ?
अपने पीड़ित नक्षत्र का उपचार करना चाहते हैं ???
नवतारा चक्रों द्वारा फलादेश करना चाहते हैं ???
विभिन्न शुभाशुभ नक्षत्र योगों के बारे में जानना चाहते हैं?
सामुदायिक, सांहातिक, वैनाशिक आदि नक्षत्रों द्वारा फलादेश करना सीखना चाहते हैं?
कुलाकुलादि नक्षत्रों का जन्मफल जानना चाहते हैं?

तो ये ग्रन्थ आपके लिए ही लिखा गया है। यह ग्रन्थ आपकी फलादेश कुशलता में अप्रतिम वृद्धि करता है।
तो देर न करें, अपनी प्रति आज ही आर्ड़र करें ।

पाठकगण निम्न विकल्पों के चयन के द्वारा पुस्तक को प्राप्त कर सकते हैं –

१) प्रिंट पेपरबैक संस्करण** | प्रकाशक – नोशन प्रेस | मूल्य – ₹170 | डाक खर्च अलग से |

प्रकाशक से खरीदने की लिंक –
https://notionpress.com/read/nakshatra-maheshwari

अमेज़न से खरीदने की लिंक – https://www.amazon.in/dp/1649835418?tag=papernovel-21

फ्लिपकार्ट से खरीदने का लिंक-
https://dl.flipkart.com/s/FsD2bOuuuN

४) डिजिटल गूगल बुक्स संस्करण | प्रकाशक – श्रीभागवतानंद गुरु | निःशुल्क | प्राप्त करने का लिंक – https://play.google.com/store/books/details/श_र_भ_गवत_न_द_ग_र_नक_षत_र_म_ह_श_वर?id=ZnX2DwAAQBAJ

५) निःशुल्क pdf प्राप्त करने का लिंक –
https://archive.org/details/nakshatra-maheshwari

3. धुरन्धर संहिता :

Dhurandar Samhita

व्याख्याकार एवं सम्पादक – ब्रजेश पाठक ‘ज्यौतिषाचार्य’
पुस्तक की भाषा – संस्कृत एवं हिन्दी
पढ़ने के अधिकारी – सभी लोग
पुस्तक की स्थिति – सामान्य पवित्रता के साथ पठनीय


श्रीमन्नारायण भगवान की अहैतुकी कृपा परिणति के रुप में मेरी तीसरी पुस्तक धुरन्धर संहिता का प्रकाशन हो चुका है। बहुत ही आश्चर्यजनक और रहस्यात्मक तरीके से श्रीमन्नारायण भगवान् की साक्षात् प्रेरणा से इस ग्रन्थ का नामकरण लेखन और संपादन हुआ।

श्रीभागवतानंद गुरुजी जब पुरुषसूक्त के पुरुषोत्तम भाष्य का लेखन कर रहे थे उसी दौरान श्रीमन्नारायण भगवान् की कृपा से इस ग्रन्थ का नाम स्वप्नादेश से मुझे प्राप्त हुआ। इसी आदेश पर श्रीभागवतानंद गुरुजी ने 1000 से अधिक श्लोकों से सुसज्जित धुरन्धर संहिता नामक ग्रन्थ का लेखन किया ।

इसका प्रकाशन अक्षय तृतीया को करने की योजना थी, परन्तु यह ग्रन्थरत्न नृसिंह चतुर्दशी को प्रकाशित हुआ । इसका रहस्य मुझे नृसिंह भगवान के सहस्रनाम पाठ के दौरान समझ में आया जब मैंने पढ़ा की भगवान नृसिंह का नाम “धुरन्धर” है । नारायण की ऐसी कृपा कहाँ देखने को मिलेगी ।

हर सनातनी को यह ग्रन्थ अवश्य पढ़नी चाहिए। इस ग्रन्थ में जीवन का उद्देश्य, सनातनी जीवनशैली, भारतवर्ष की महिमा, परमलक्ष्य की प्राप्ति के साधन आदि सारे व्याहवारिक तथ्यों को समावेशित किया गया है ।

धुरंधर संहिता के लोकार्पण के दौरान ब्रजेश पाठक ने बताया कि ईश्वरीय प्रेरणा से यह ग्रंथ लिख कर तैयार हुआ है। योग के आठ अंग हैं उनमें से तीसरा अंग है आसन है आज योग दिवस के दिन आसन नाम अंग से हमारा परिचय हुआ बाकी सात अंगों का परिचय धुरंधर संहिता में मिल जाएगा ।

इस ग्रंथ में 20 पटल और 1000 से अधिक श्लोक हैं । 5-7-17-18-19-20वाँ पटल ऐसे हैं जिनमें वर्णित विषय सभी जनसामान्य के लिए उपयोगी हैं । गृहस्थ जीवन जीते हुए भी योगमय जीवन कैसे बिताया जाए ?

जो लोग योगमार्ग की ओर बढ़ना चाहते हैं, वो कहाँ से शरुआत करें ? इसके साथ ही सनातनी जीवनचर्या कैसी होनी चाहिए ? सनातन धर्म का सार क्या है ? भारतीय दर्शनों का सार क्या है ? भारतवर्ष की क्या महिमा है ? इन सभी विषयों के सरल निरुपण के साथ-साथ दैवीय लिपिमात्रिका वर्णोद्धार रहस्य आदि गंभीर विषयों का प्रथम प्रकटीकरण भी किया गया है।

मेरा दावा है कि इस ग्रंथ को पढ़ने से आपका जीवन निश्चित ही बदल जाएगा, आपकी प्रज्ञा इतनी सुदृढ़ हो जाएगी कि आप सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों के वास्तविक रूप को समझ पाएँगें साथ ही धर्मांतरण पर भी गंभीर चोट कर पाएँगे । धर्मरक्षा के उद्देश्य से ब्रजेश ने लोगों को अपने सामर्थ्यानुसार समाज में ग्रंथ के वितरण हेतु आगे आने का आह्वान भी किया है ।

यह ग्रंथ निःशुल्क pdf के रूप में अर्काइव एवं गूगल प्ले बुक पर उपलब्ध है। गूगल में धुरन्धर संहिता लिख कर सर्च करने पर आसानी से पुस्तक प्राप्त हो सकती है। पुस्तक की हार्ड कापी अमेजन एवं नोशन प्रेस की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

धुरन्धर संहिता को प्राप्त करने के साधन
धुरन्धर संहिता आप अवश्य पढ़ें तथा अन्यों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करें….

1. प्रकाशक से प्राप्त करने का लिंक –
https://notionpress.com/read/dhurandhara-samhita

2. Amazon से प्राप्त करने का लिंक –
https://www.amazon.in/dp/1639405461?tag=papernovel-21

3. Flipkart से प्राप्त करने का लिंक –
https://dl.flipkart.com/dl/dhurandhara-samhita/p/itmea0017d2a1c36?pid=9781639405466&cmpid=product.share.pp

* धुरन्धर संहिता निःशुल्क E-book गूगल प्ले बुक पर पढ़ें –
https://books.google.co.in/books?id=FQEwEAAAQBAJ&printsec=copyright&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false

* धुरन्धर संहिता निःशुल्क pdf अर्काइव से डाउनलोड करें –
https://archive.org/details/dhurandhara-samhita/page/4/mode/2up

विशेष – धुरन्धर संहिता के वितरण रूपी धर्मयज्ञ में सहभागिता लेते हुए आप सबलोग इस ग्रंथ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें, ताकि लोगों में सनातन धर्म के प्रति जागृति आए और वे सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों को जाने समझें और अपनाएँ ।

इस कार्य में हरिहर ज्योतिर्विज्ञान संस्थान धर्मप्रसार एवं जनकल्याण की भावना से No Profit NO Loss के अन्तर्गत धुरन्धर संहिता के 19 प्रति तक 20% और 20 या 20 से ज्यादा प्रति रहने पर 40% तक की छूट जो प्रकाशक से संस्थान को प्राप्त होता है संस्थान वो छूट सहर्ष सीधे वितरणकर्ता को देने को तैयार है।

4. षट्पदीस्तोत्रम् :

Shatpadistotram

व्याख्याकार एवं सम्पादक – ब्रजेश पाठक ‘ज्यौतिषाचार्य’
पुस्तक की भाषा – संस्कृत एवं हिन्दी
पढ़ने के अधिकारी – सभी लोग
पुस्तक की स्थिति – सामान्य पवित्रता के साथ पठनीय

षट्पदी स्तोत्र Launch

मुझे अपने जीवन में अद्भुत अनुभव कराने वाली आद्य शंकराचार्य विरचित सुप्रसिद्ध षट्पदी स्तोत्र पर लिखी गई यह सरल, सरस, अद्भुत कमला टीका अपने भाव को आपके ह्रदय में समाहित करके आपको आध्यात्मिक उन्नति के शिखर तक ले जाएगी। निश्चित ही यह भावपूर्ण कमला टीका आपके चित्त पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए आपके मनोभावों को सही दिशा प्रदान करने में समर्थ सिद्ध होगी ।

* षट्पदीस्तोत्रम् को अमेजन से प्राप्त करने का लिंक –
Shatpadistotram / षट्पदीस्तोत्रम्
https://amzn.eu/d/39ExJq6

* षट्पदीस्तोत्रम् को फ्लिपकार्ट से प्राप्त करने का लिंक –
https://dl.flipkart.com/s/Fq_gdXuuuN

* Notion Press की वेबसाइट से षट्पदीस्तोत्रम् प्राप्त करने का लिंक –
https://notionpress.com/read/shatpadistotram

* अर्काइव से षट्पदीस्तोत्रम् का निःशुल्क pdf डाउनलोड करने का लिंक –
https://archive.org/details/shatpadistotram

यदि आप इन पुस्तकों को पढ़ने में रुचि न भी रखते हों तो भी कृपया इस पोस्ट को अधिक से अधिक साझा अवश्य करें ताकि उपयुक्त पाठकों तक ये ग्रन्थ पहुंच सकें।

– ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य

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