व्यतीपात – भ्रामक पोस्ट का खंडन

✓✶ आज और कल अर्थात् 5 एवं 6 मार्च 2024 को व्यतीपात व्यतीपात बोलकर दान का अनन्त असंख्य फल बताने वाले तथा वराहपुराण का प्रमाण लेकर घूमने वालों से तुरन्त सावधान होने की जरूरत है। ✓✶ ऐसे सज्जनों से विनम्र आग्रह है कि ज्योतिषीय विषयों पर किसी विद्वान् ज्योतिषी से चर्चा करके ही कुछ प्रसारित […]

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महाशिवरात्री

महाशिवरात्री विशेष – प्रहरपूजा का समय

महाशिवरात्री विशेष – प्रहरपूजा का समय प्रदोष में चार पहर की पूजा के लिए समय गणना – 8 मार्च 2024 को फाल्गुन कृष्ण प्रदोष शिवरात्रि व्रत है। इस दिन कई लोग शिवजी की प्रहर पूजा करते हैं इसे यामपूजा भी कहा जाता है । आइए शिवरात्रि पूजन के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत

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Ek Akshohadi Sena

अठारह अक्षौहिणी सेना का परिमाण क्या होगा ? एक अद्भुत गणना

अठारह अक्षौहिणी सेना का परिमाण अठारह (अष्टादश) अक्षौहिणी कितना होता है ये जानने के लिए पहले एक अक्षौहिणी कितना होता है ये जानना होगा। उसके बाद उसे 18 से गुणा करना होगा तो 18 अक्षौहिणी कितना होता है ये पता लग जाएगा। अक्षौहिणी शब्द एक सेना मापक ईकाई है, जिससे सेना का परिमाण जाना या

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Graho Ka Parmocchansh

ग्रहों के परमोच्चांश एवं अनुभव कथन

प्रतिदिन के ज्योतिष शास्त्रीय अभ्यास एवं विद्यार्थियों के द्वारा पठन पाठन कार्य से कुछ न कुछ नए अनुभव आते ही रहते हैं। जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण अनुभव आपके साथ भी साझा करता हूँ जिससे की आपको भी कुछ प्रेरणा मिले। अभी कुछ समय मुकुल कौशिक नामक विद्यार्थी ने बृहत्पाराशर होराशास्त्र ग्रन्थ के एक श्लोक का

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मुहूर्त साधन

मुहूर्त साधन पर सरलतम विवेचना

आज मुहूर्त साधन विषय पर सुप्रसिद्ध कथाव्यास आचार्य श्री गोपेश भारद्वाज जी के द्वारा एक प्रश्न पूछा गया। प्रश्नकर्ता और मेरे बीच हुए बातचीत के अंश यथावत् प्रस्तुत किए जा रहे हैं। प्रश्नकर्ता – जय श्री राधे भैया ! कथा/पूजन/हवन अथवा किसी अनुष्ठान का स्वयं के लिए अथवा यजमान के लिए कैसे मुहूर्त देखा जाता

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मकर संक्रांति विशेष क्या करे क्या नहीं | Detail Analysis on makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति मित्रों सम्पूर्ण सनातन परिवार में मकर संक्रांति एक महान् पर्व के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज से हमारे जगत्नियन्ता सूर्यनारायण भगवान उत्तरायण होते हैं। इस वर्ष मकर में सूर्य संक्रान्ति 14/15 जनवरी 2024 को रात्रि 2:31 में हो रहा है।1 इसलिए इस वर्ष 15 जनवरी को संक्रांतिजन्य पुण्यकाल होने से मकर

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Grah Sambandhit Rog aur Upaay

ग्रहों से संबंधित रोग एवं उपाय

1 – सूर्य – पित्त प्रकृतिस्वास्थ्य का कारक, हृदय, हड्डिया, दायी आंख । सिर में दर्द, गंजापन, हृदय रोग, हड्डियों के रोग, मिर्गी, नेत्र रोग, कुष्ट रोग, पेट की बिमारियां, बुखार, दर्द, जलना, रक्त-संचार में गढ़बड़ी (विशेषतः रक्ताल्पता से होने वाले रोग), शस्त्र व गिरने से चोट लगना इत्यादि । 2- चंद्रमा – कफ तथा

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हमारे उत्सव अंग्रेजी दिनांक से क्यों मनाए जाते हैं ?

प्रश्न – आचार्य जी एक प्रश्न है समाधान करें। विश्व कर्मा पूजा १७ तारिक को ही क्यों आते है अन्य उत्सव आदि ऐसे देखा नही जाता। कृपया शंका समाधान करें। उत्तर – कालमान 9 प्रकार के होते हैं। उसमें से सूर्य पर आधारित मान सौरमान कहा जाता है। यह सौरमान लगभग स्थिरगति से चलने वाला

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प्रज्ञावर्धनस्तोत्रम्

प्रज्ञावर्धनस्तोत्रम् – संपूर्ण विधि एवं मंत्र

प्रज्ञावर्धनस्तोत्रम् स्तोत्र पाठ की विधि – इस स्तोत्र का पाठ करने से पूर्व इसकी पुरश्चरण साधना करनी चाहिए। इसके लिए किसी भी माह के पुष्य नक्षत्र से आरम्भ कर अगले पुष्य नक्षत्र तक पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर इस स्तोत्र का नित्य 10 बार पाठ करना चाहिए। साधना काल में आहार, विहार एवं ब्रह्मचर्य का

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जिज्ञासु के प्रश्न और ब्रजेश पाठक ज्यौतिषाचार्य जी का उत्तर

प्रश्न – “कालसर्प योग, पितृदोष, गुरुचाण्डाल योग, अंगारक योग, बुधादित्य योग, पिशाच योग, विषयोग आदि सभी कपोल कल्पित और अशास्त्रिय योग है। बस इन कपोल-कल्पित योगों के द्वारा सामान्य जनमानस को दिग्भ्रमित किया जा रहा है।” आचार्य जी उक्त व्यक्तव्य पोस्ट एवं पोस्टर के रूप में वायरल हो रहा है, इसपर आपका क्या विचार है,

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